SIDH KUNJIKA NO FURTHER A MYSTERY

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देवी माहात्म्यं दुर्गा सप्तशति अष्टमोऽध्यायः

गोपनीयं प्रयत्नेन स्वयोनिरिव पार्वति।

देवी माहात्म्यं दुर्गा सप्तशति सप्तमोऽध्यायः

श्री दुर्गा अष्टोत्तर शत नाम स्तोत्रम्

नमः कैटभ हारिण्यै, नमस्ते महिषार्दिनि।।

दकारादि दुर्गा अष्टोत्तर शत नामावलि

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देवी माहात्म्यं दुर्गा द्वात्रिंशन्नामावलि

देवी माहात्म्यं दुर्गा सप्तशति एकादशोऽध्यायः

दकारादि श्री दुर्गा सहस्र नाम स्तोत्रम्

श्री प्रत्यंगिर अष्टोत्तर शत नामावलि

जाग्रतं हि महादेवि जपं सिद्धं कुरुष्व मे।

देवी माहात्म्यं दुर्गा सप्तशति सप्तमोऽध्यायः

ग्रहों के अशुभ प्रभाव खत्म हो जाते हैं. धन लाभ, विद्या अर्जन, शत्रु पर विजय, नौकरी में पदोन्नति, अच्छी सेहत, कर्ज से more info मुक्ति, यश-बल में बढ़ोत्तरी की इच्छा पूर्ण होती है.

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