Not known Facts About sidh kunjika
Not known Facts About sidh kunjika
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सां सीं सूं सप्तशती देव्या मंत्रसिद्धिंकुरुष्व मे।।
[These are typically preliminary stotras that should be recited right before studying of Devi Mahatmyam/Chandi/Durga Sapthasathi. Here is it told that if this kunjika stotram is recited then there is no need to recite all these.]
ॐ ग्लौं हुं क्लीं जूं सः ज्वालय ज्वालय ज्वल ज्वल प्रज्वल प्रज्वल
श्री दुर्गा अष्टोत्तर शत नाम स्तोत्रम्
ॐ ऐं ह्रीं क्लीं चामुण्डायै विच्चे। ॐ ग्लौ हुं क्लीं जूं स:
देवी माहात्म्यं दुर्गा सप्तशति एकादशोऽध्यायः
aiṃ hrīṃ klīṃ chāmuṇḍāyai vichchē jvala haṃ saṃ laṃ kṣaṃ phaṭ svāhā ॥ 5 ॥
सिद्ध कुंजिका स्तोत्र का पाठ करने से विपदाएं स्वत: ही दूर हो जाती हैं और समस्त कष्ट से मुक्ति मिलती है। यह सिद्ध स्त्रोत है और इसे करने से दुर्गासप्तशती पढ़ने के समान पुण्य मिलता है।
देवी माहात्म्यं दुर्गा सप्तशति सप्तमोऽध्यायः
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देवी माहात्म्यं दुर्गा सप्तशति सप्तमोऽध्यायः
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This really is prayer of the Kunjika which is the reason for awakening. Oh Parvathi, keep this shielded and retained mystery from those who are not devotees.
दकारादि दुर्गा अष्टोत्तर शत नामावलि